लविवि ने प्रवेश की केन्द्रीकृत व्यवस्था शुरू की, छात्रों को होगी आसानी
लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय ने कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए एक ऐतिहासिक फैसला किया है। लखनऊ विश्वविद्यालय और उसके सहयुक्त महाविद्यालयों में प्रवेश के लिए छात्रों को अलग-अलग फॉर्म अब नहीं भरने पड़ेंगे। लखनऊ विश्वविद्यालय का आवेदन फॉर्म भरने वाले छात्रों को शहर में संचालित कई अन्य महाविद्यालयों में भी प्रवेश का मौका मिलेगा। लखनऊ विश्वविद्यालय की वेबसाइट से ही छात्र किसी भी महाविद्यालयों में प्रवेश के लिए आवेदन कर सकेंगे। अब स्नातक और परास्नातक करने वाले छात्रों को आवेदन के लिए अलग-अलग फार्म नही खरीदने पड़ेगें।
लखनऊ विश्वविद्यालय के 100 साल के इतिहास में यह पहली बार है। जब इस तरह की केन्द्रीकृत प्रवेश व्यवस्था लागू की जा रही है। दिल्ली विश्वविद्यालय की दर्ज पर लखनऊ विश्वविद्यालय में भी दाखिलों की केन्द्रीकृत व्यवस्था पर बुधवार को मुहर लगा दी गई है। विश्वविद्यालय ने सभी सहयुक्त महाविद्यालयों को जुड़ने का विकल्प दिया है। इसके लिए तीन दिन में प्रस्ताव मांगा है। जो भी महाविद्यालय इस केन्द्रीकृत दाखिले की व्यवस्था में जुड़ने का विकल्प चुनेंगे, उन सभी संस्थानों में छात्रों को सिर्फ लविवि के आवेदन फॉर्म के आधार पर ही प्रवेश मिल जाएगा।
राजधानी में लविवि से जुड़े महाविद्यालयों की संख्या करीब 170 है। अभी तक सिर्फ एमएड और बीएलएड को छोड़कर लखनऊ विश्वविद्यालय और अन्य महाविद्यालय अलग अलग प्रवेश लेते थे। दाखिले की केन्द्रीकृत व्यवस्था को लेकर लखनऊ विश्वविद्यालय में बुधवार को कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय की अध्यक्षता में कुलसचिव डॉ. विनोद सिंह समेत अन्य जिम्मेदारों की बैठक हुई। बैठक के बाद सभी महाविद्यालयों को शामिल होने का प्रस्ताव भेज दिया गया है। जो भी महाविद्यालय जुड़ने में सहमति जताएंगे वह काउंसलिंग के दौरान छात्रों को विकल्प के रूप में उपलब्ध होंगे