New Ad

रानिल विक्रमसिंघे पीएम पद से इस्तीफा देने को तैयार

0

 

कोलंबो। अभूतपूर्व आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका की हालत अब और भी ज्यादा खराब हो गई है। शनिवार को हजारों प्रदर्शनकारियों ने श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के कोलंबो स्थित आवास पर कब्जा कर लिया। गोटाबाया राजपक्षे को राष्ट्रपति भवन छोड़कर भागना पड़ा। माना जा रहा है कि वह नौसेना के जहाज से भाग गए हैं। इस बीच, प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने भी पीएम पद से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा के घोषणा करने से पहले रानिल विक्रमसिंघे ने पार्टी नेताओं से कहा था कि वह देश के प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा देने और सर्वदलीय सरकार के लिए रास्ता बनाने को तैयार हैं।

श्रीलंकाई पीएमओ ने बयान जारी कर कहा कि निवर्तमान प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों दोनों से किसी भी हिंसा को रोकने और जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संयम से काम लेने का अनुरोध किया। साथ ही उन्होंने सुरक्षा कर्मियों द्वारा चल रहे विरोध प्रदर्शनों को कवर करने वाले पत्रकारों पर हमले पर गंभीर खेद व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि मीडिया की स्वतंत्रता श्रीलंका में लोकतंत्र के लिए सर्वोपरि है।

समाचार एजेंसी आइएएनएस के अनुसार राष्ट्रपति राजपक्षे की श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना (SLPP) पार्टी के 16 सांसदों ने एक पत्र में उनसे तुरंत इस्तीफा देने और एक ऐसे नेता के लिए रास्ता बनाने का अनुरोध किया है, जो देश का नेतृत्व करने के लिए संसद में बहुमत हासिल कर सके। इस पत्र में उन्होंने कहा कि राजपक्षे को भ्रष्टाचार के आरोपों के बिना एक परिपक्व नेता को देश पर शासन करने का मौका देना चाहिए।

शनिवार को हुए भारी बवाल के बीच गोटापक्षे ने कुछ भी घोषित नहीं किया है और उनके ठिकाने का पता नहीं चल पाया है। इंटरनेट मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो 20 वीवीआइपी वाहनों में एक समूह हवाई अड्डे की ओर जा रहा था, जबकि एक अन्य समूह श्रीलंकाई नौसेना के दो जहाजों में रवाना हुआ है। हालांकि, उनमें से किसने राष्ट्रपति को छोड़ा है यह अभी स्पष्ट नहीं है।

धार्मिक नेताओं ने भी राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से तत्काल इस्तीफा देने और सत्ता के तेजी से पारित होने की अनुमति देने का आग्रह किया था। साथ ही देश के बड़े वकीलों ने इस बात पर जोर दिया है कि राष्ट्रपति राजपक्षे को खुद तय करना है कि उनके खिलाफ बढ़ते सार्वजनिक विरोध के बीच उन्हें क्या कार्रवाई करनी चाहिए।

राष्ट्र की राजनीतिक स्थिरता तुरंत हो सुरक्षित: बीएएसएल

देश के प्रमुख वकीलों ने प्रधानमंत्री, अध्यक्ष, कैबिनेट और सांसदों से भी आग्रह किया कि वे तुरंत सुनिश्चित करें कि राष्ट्र की राजनीतिक स्थिरता तुरंत सुरक्षित हो। बार एसोसिएशन आफ श्रीलंका (BASL)ने कहा कि हम पुलिस और सशस्त्र बलों से यह सुनिश्चित करने का आह्वान करते हैं कि विरोध में शामिल लोगों को और नुकसान न हो। वकीलों ने जनता से सार्वजनिक संपत्ति विशेष रूप से राष्ट्रपति भवन और सचिवालय की रक्षा करने का भी आग्रह किया और यह भी सुनिश्चित किया कि किसी भी व्यक्ति को कोई नुकसान न हो।

Leave A Reply

Your email address will not be published.