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यूपी का व्यापमं घोटाला है 69000 शिक्षकों की भर्ती परीक्षाः कांग्रेस

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कांग्रेस नेताओं ने प्रेस वार्ता कर योगी सरकार पर बोला हमला

कहा, मुख्यमंत्री के संरक्षण में शिक्षा विभाग में चल रहा गिरोह

लखनऊ : योगी सरकार को घेरने में जुटी कांग्रेस के हाथ एक और मुद्दा लग गया है। कांग्रेस ने प्रदेश में 69000 सहायक शिक्षक भर्ती की तुलना मध्य प्रदेश के व्यापमं घोटाले से की है। योगी सरकार पर हमला करते हुए कांग्रेस ने कहा है कि भाजपा ने चुनाव से पहले घोषणा की थी कि युवाओं को रोजगार देगी। लेकिन सरकार ने युवाओं के साथ धोखाधड़ी की है। इस पूरी भर्ती को रद्द किया जाए और इसकी उच्चस्तरीय जांच करवाई जाए। सोमवार को उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष वीरेंद्र चौधरी, विधान परिषद दल नेता दीपक सिंह, महासचिव मनोज यादव, यूथ कांग्रेस अध्यक्ष दीपंकर सिंह, एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष रोहित राणा और इलाहाबाद विवि उपाध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रेस वार्ता कर सरकार पर जमकर हमला बोला।

बीरेंद्र चौधरी ने कहा, योगी आदित्यनाथ की सरकार के संरक्षण में गिरोह चल रहा है जो इस शिक्षक भर्ती में युवाओं के साथ धोखाधड़ी किया। 69 हजार शिक्षक भर्ती को तत्काल निरस्त किया जाए और इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह सैकड़ों करोड़ रुपए का घोटाला है। भाजपा को बताना चाहिए कि क्या ऐसे घोटालों से वह चुनाव का पैसा इकठ्ठा कर रही है।श्री चौधरी ने कहा, इलाहाबाद के शिक्षा माफिया केएल पटेल की इस भर्ती में भूमिका सामने आई है। लेकिन केएल पटेल तो छोटी मछली हैं। जांच होगी तो बड़े बड़े लोग सामने आएंगे।

शिक्षा विभाग में चल रहा बड़ा नेटवर्क : दीपक सिंह

विधान परिषद दल के नेता दीपक सिंह ने कहा, यह उत्तर प्रदेश का व्यापमं घोटाला है। इसके पहले भी 68,500 शिक्षक भर्ती में भी गड़बड़ी हुई थी। जिस पर कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाई थी। दीपक सिंह ने कहा, 69 हजार भर्ती प्रक्रिया में शुरू से युवाओं के साथ धोखाधड़ी हुई। हर परीक्षा की तरह इस परीक्षा में भी पेपर लीक हुआ है। टॉपर का पता नहीं चल रहा था, पता चला तो उसे राष्ट्रपति का नाम पता नहीं है। कहा कि पूरे प्रदेश में शिक्षा विभाग में एक बड़ा नेटवर्क चल रहा है। एक शिक्षिका 25 जगह से वेतन ले रहीं हैं। यह सब मुख्यमंत्री के संरक्षण में गिरोह चलाया जा रहा है।

सामाजिक न्याय की हत्या कर रही सरकार : मनोज यादव

प्रदेश कांग्रेस महासचिव मनोज यादव ने कहा, यह पूरी परीक्षा ही संदिग्ध है। एमआरसी की प्रक्रिया से आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का भारी नुकसान हुआ है। यह सरकार सामाजिक न्याय की हत्या करने पर उतारू है। तमाम जिलों से सूची में फेरबदल किया गया है। कहा कि सरकार दलितों, पिछड़ों के हक पर डाका डाल रही है। एनएसयूआई के रोहित राणा, अखिलेश यादव और यूथ कांग्रेस के दीपंकर सिंह ने कहा, सरकार युवाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है। इस सरकार में कोई ऐसी भर्ती नहीं है जो निष्पक्ष हुई हो

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