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सनातन धर्म और संस्कृति से नहीं कर पाएंगे छेड़छाड़ः जगतगुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद

प्लेटफार्म पर भी रहेगी पैनी नजर

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सनातन धर्म और संस्कृति से नहीं कर पाएंगे छेड़छाड़ः जगतगुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद

प्रयागराज । फिल्म निर्माता, निर्देशक सनातन धर्म और संस्कृति के साथ फिल्म ओटीटी प्लेटफॉर्म के माध्यम से छेड़छाड़ नहीं कर पाएंगे। इसको लेकर ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती जी महाराज के नेतृत्व में धर्म सेंसर बोर्ड की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। इसकी जानकारी स्वामी अविमुक्तेश्वरा नंद ने माघ मेले में आयोजित प्रेसवार्ता में दी।
जगतगुरु शंकराचार्य ने कहा कि ऐसी किसी भी फिल्म या चलचित्र को प्रदर्शन करने पर रोक लगाई जाएगी जिसके किसी भाग में भी कोई दृश्य, शब्दावली, संवाद, गीत, हाव -भाव, भावार्थ कुछ भी सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति का अपमान करे। उस पर सन्देह व्यक्त करता हो, आलोचना, अनादर अथवा उपहास करता हो। फिल्म अथवा चलचित्र धर्म, संस्कृति एवं समाज के मूल्यों और मानकों के प्रति उत्तरदायी और संवेदनशील होनी चाहिए। फिल्म अथवा चलचित्र जिसमें धर्म, संस्कृति, राष्ट्रीय मान बिन्दुओं का हनन या उपहास होता हो उसके प्रमाणन अथवा प्रदर्शन पर सम्यक् रूप से रोक लगाई जाए।
उन्होंने कहा कि फिल्म अथवा चलचित्र प्रमाणन व्यवस्था धार्मिक समरसता, धार्मिक आस्था का यथा तथा मान रखने वाली, सामाजिक परिवर्तन के प्रति उत्तरदायी हों। फिल्म अथवा चलचित्र माध्यम ऐसा सन्तुलित, स्वच्छ और स्वस्थ मनोरंजन प्रदान करें जो किसी धर्म या सांस्कृतिक परम्परा का उपहास या उसे विकृत रूप में प्रदर्शित करने वाला न हो और यथासम्भव फिल्म सौन्दर्य की दृष्टि से महत्वपूर्ण और चलचित्र की दृष्टि से अच्छे स्तर की हो।
जगतगुरु शंकराचार्य ने कहा कि फ़िल्म अथवा चलचित्र के माध्यम से धर्म, संस्कृति विरोधी प्रवृत्तियों, क्रियाओं, विकृतियों को न्यायोचित या उत्कृष्ट न ठहराया जाए। फ़िल्म अथवा चलचित्र के माध्यम से अपराधियों की कार्यप्रणाली, अन्य दृश्य या शब्द जिनसे कोई अपराध का या पाप अथवा धर्मविरुद्ध आचरण करना उद्दीप्त होने की सम्भावना हो, चित्रित न की जाए।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि धर्म सेंसर बोर्ड का काम केवल फिल्म, चलचित्र, धारावाहिकों तक ही सीमित नहीं रहेगा बल्कि स्कूल कॉलेज और विश्वविद्यालयों में होने वाले नाट्य मंचन अब ध्यान से और धर्म की मर्यादा को विचार कर सम्पादित करने होंगे।
स्कूल- कॉलेज और विश्वविद्यालयों में ऐसे कोई भी पाठ्यक्रम होंगे तो उनको हटवाए जाएंगे। ऐसी कोई भी चीज जो भारतीय संस्कृति और भारतीय धर्म परम्परा को खंडित करने का कार्य करेगी उस पर कार्यवाही की जाएगी। वेब सीरीज, ऑनलाइन प्लेटफार्म, ओटीटी मंच आदि पर धर्म संस्कृति विरोधी विषयवस्तु न आने दें। यदि कोई विषय वस्तु उक्त प्लेटफार्म पर आती है, तो प्रस्तुतकर्ता, स्टेक होल्डर के विरुद्ध भी धर्म अभिवेचन सेवालय अपनी कार्यवाही सुनिश्चित करेगी।

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